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अल्मा मातेर
“डे स्कूल”

अल्मा मातेर में डे बोर्डिंग स्कूल से पृथक ‘डे-स्कूल’ की सुविधा भी उपलब्ध है। यह ‘डे-स्कूल’ अन्य ‘डे-स्कूलों’ के समान है पर समयानुसार वे सभी आवयश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराता है। जोकि ‘डे बोर्डिंग’ के विद्यार्थियों को प्राप्त होती है।

यहाँ विद्यार्थियों के चहुँ मुखी विकास को ध्यान में रखकर उन्हें शिक्षा, खेलकूद, संगीत, कला, नृत्य, ड्रामा आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है ।

यदि किसी कारणवश माता-पिता बच्चे को ‘डे बोर्डिंग’ में नहीं प्रवेश दिलाना चाहते है पर ‘डे-स्कूल’ के साथ विद्यालय की मैस सुविधा चाहते है तो ऐसे अभिभावकों के बच्चो के लिए विद्यालय मैस सुविधा भी प्रदान करता है।

अल्मा मातेर शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐसा संस्थानहै जो आपके बच्चे को एक जौहरी की तरह तराशने का काम करता है। शिक्षित करने की जिम्मेदारी तो हर संस्थान लेता है पर अल्मा मातेर न केवल शिक्षित करता है बल्कि विद्यार्थियों के चहुँ मुखी विकास पर भी ध्यान देता है जिससे विद्यार्थियों को शिक्षा नृत्य, ड्रामा, कला, खेलकूद आदि क्षेत्रों में अपना लक्ष्य निर्धारित करने में आसानी होती है।

अल्मा मातेर में “डे बोर्डिंग स्कूल”

एक ऐसी शिक्षा संस्था जो विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास में 1988 से तत्पर है ।

“जहाँ ना बैग ले जाना, ना होमवर्क घर लाना।”

छोटे बच्चों के कोमल मन घर पढ़ाई बोझ स्वरुप न हो इसलिए यहाँ प्रतिदिन सभी विषयों के साथ एक विषय की अतिरिक्त कक्षा लगाई जाती है जिससे विद्यार्थी को किसी ट्यूशन या कोचिंग की आवयश्कता नहीं रहती तथा उसी विषय की पुस्तक- पुस्तिकाएँ विद्यालय में ही सुरक्षित रहती है ।

यहाँ विद्यार्थी सुबह से शाम चार बजे तक रहते है । जहाँ उन्हें शिक्षा के साथ भोजन, खेलकूद, व संगीत, नृत्य ड्रामा आदि की सुविधाएं प्रदान की जाती है ।

“स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य मस्तिष्क का निवास होता है”

इसलिए यहाँ विद्यार्थियों को प्रतिदिन स्वास्थ्यवर्धक नाश्ता, फल व दोपहर का भोजन समयानुसार प्रदान किया जाता है ।

“शरीर आद्यम् हि खलु धर्म साधनम्”|

इसी उद्द्येश से विद्यालय विद्यार्थियों को खेलकूद के अंतर्गत योगाभ्यास, एथेलेटिक्स, तैराकी, ताइक्वांडो, फुटबॉल, टेनिस, बैटमिंटन का श्रेष्ठ प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।

“साहित्य संगीत कला विहीनः । साक्षात पशु पुच्छ विषाण हीनः”|

इसी भाव को हृदय में सजाएँ विद्यालय विद्यार्थियों की रूचि को ध्यान में रखकर उन्हें विभिन्न कलाओं-संगीत, नृत्य, ड्रामा आर्ट एंड क्राफ्ट आदि में पारंगत करता है ।

यह सभी खेलकूद व कलाओं का अभ्यास विद्यार्थियों को प्रातः व शैक्षिक सत्र के उपरांत प्रतिदिन कराया जाता है ।

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